ईरान-इज़राइल में फिर से चालू हुआ वार जानने के लिए पढ़े ये ब्लॉग 2025

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आजकल खबरें देखकर या सुनकर कई लोग सोचते होंगे कि ईरान और इज़राइल के बीच चल क्या रहा है? क्यों ये दो देश आमने-सामने आ गए हैं और इसका पूरी दुनिया पर क्या असर पड़ेगा? आइए, इस मुश्किल चीज़ को आसान भाषा में समझते हैं. Nigaminfo.com

अभी क्या चल रहा है?

पिछले कुछ हफ़्तों से ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है.

  • इज़राइल के हमले: ख़बरों के मुताबिक, इज़राइल ने ईरान के कुछ ठिकानों पर हमले किए हैं. इज़राइल का कहना है कि वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि ईरान परमाणु हथियार न बना सके और इलाके में शांति बनी रहे. इन हमलों में कुछ ईरान के बड़े सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए हैं.
  • ईरान का जवाब: इन हमलों के बदले में, ईरान ने इज़राइल पर ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं. ईरान का कहना है कि यह इज़राइल की तरफ से की गई ज़्यादती का जवाब है. जब ईरान ने हमले किए, तो इज़राइल के कुछ शहरों में खतरे के सायरन बजे और कुछ जगहों पर नुकसान भी हुआ.

पहले ये दोनों देश सीधे तौर पर ज़्यादा नहीं लड़ते थे, बल्कि दूसरे देशों में अपने समर्थक गुटों के ज़रिए लड़ते थे. लेकिन अब ये सीधे एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं, जो एक नई और खतरनाक बात है.

ये झगड़ा शुरू कैसे हुआ? इसकी जड़ें कहाँ हैं?

ईरान और इज़राइल की दुश्मनी आज की नहीं है, बल्कि कई दशकों पुरानी है.

  • विचारधारा का अंतर: दोनों देशों की सरकारों की सोच और विचारधारा बहुत अलग है.
  • ताकत की होड़: दोनों ही देश मध्य पूर्व में अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं, जिससे टकराव होता रहता है.
  • परमाणु कार्यक्रम: इज़राइल को इस बात की सबसे ज़्यादा चिंता है कि ईरान परमाणु हथियार न बना ले. इज़राइल इसे अपने लिए बहुत बड़ा खतरा मानता है.
  • समर्थक गुट: ईरान, हिजबुल्लाह (लेबनान में) और हमास (गाजा में) जैसे गुटों को समर्थन देता है, जो इज़राइल के लिए एक बड़ा खतरा हैं. इन गुटों की वजह से भी कई बार लड़ाई हुई है.

ये सारे कारण मिलकर इस झगड़े को और गहरा करते गए हैं.

दुनिया क्या कह रही है?

जैसे-जैसे लड़ाई बढ़ रही है, पूरी दुनिया में चिंता बढ़ गई है.

  • शांति की अपील: संयुक्त राष्ट्र (UN), अमेरिका, यूरोप के देश और दुनिया के कई और बड़े देश ईरान और इज़राइल दोनों से कह रहे हैं कि वे शांत रहें और लड़ाई को और न बढ़ाएं.
  • बड़ी लड़ाई का डर: कई देशों को डर है कि अगर ये लड़ाई ज़्यादा बढ़ गई, तो पूरे मध्य पूर्व में बड़ा युद्ध छिड़ सकता है. इससे बहुत सारे लोग मारे जाएंगे और अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान होगा.
  • अमेरिका की भूमिका: अमेरिका ने साफ कहा है कि वह इस लड़ाई में सीधे शामिल नहीं होगा, लेकिन उसने ईरान को चेतावनी भी दी है. अब दुनिया के बड़े देश कूटनीति (बातचीत और समझौते) के ज़रिए इस स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं.

आगे क्या हो सकता है और इसका क्या असर पड़ेगा?

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कोई नहीं जानता कि यह संघर्ष कहाँ जाकर रुकेगा. लेकिन इसके कुछ बड़े असर हो सकते हैं:

  • लड़ाई का फैलना: अगर यह जंग और फैली, तो लेबनान, सीरिया, इराक और यमन जैसे पड़ोसी देश भी इसमें खिंच सकते हैं. ऐसे में पूरा मध्य पूर्व युद्ध की आग में जल सकता है.
  • पेट्रोल-डीजल की कीमतें: अगर लड़ाई बढ़ती है, तो दुनिया भर में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें बहुत बढ़ सकती हैं, जिससे आम लोगों पर महंगाई का बोझ पड़ेगा. व्यापार पर भी असर पड़ेगा.
  • मानवीय संकट: युद्ध बढ़ने से लाखों लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ सकता है, जिससे एक बड़ा मानवीय संकट पैदा होगा.
  • परमाणु कार्यक्रम की चिंता: ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तनाव और बढ़ सकता है, जिससे दुनिया भर में नए सवाल उठेंगे.

यह एक बहुत ही पेचीदा और गंभीर स्थिति है. आने वाले दिनों में क्या होता है, इस पर सबकी नज़र है. उम्मीद यही की जा रही है कि कूटनीति के ज़रिए इस स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल कर लिया जाए.